न मैं स्मार्ट बनने की कोशिश करता हूँ,
और न ही मैं परियों पे मरता हूँ।
वो एक भोली सी लड़की है,
जिसे मैं मोहब्बत करता हूँ।
उसकी तस्वीर मेरी दिलों दिमाग व आखों में बसी है,
मगर ‘हाय’ वो किसी और को दिल दे चुकी है।
अब एक ही बात मुझे खटकती है हर रोज़,
बिना उसके अतीत जाने मैंने उसे आखिर किया ही था क्यों प्रपोज।
लगने से पहले ही उजड़ गई
ये प्यार वाली बगिया,
इस संसार की भरी महफ़िल में
आखिर तनहा ही रह गया ” बेचारा रबिया” ।।
Bahut khub